बहिष्कृत भारत में प्रकाशित बाबासाहेब डॉ.आंबेडकर के सम्पादकीय

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हमारे बहिष्कृत लोगो पर हो रहा अन्याय तथा भविष्य में होने वाले अन्याय की रोकथाम हेतु, वैसे ही भावी उन्नति के लिए विचार-विनिमय करते हेतु समाचारपत्र जैसा अन्य कोई दूसरा स्थान नही है। परंतु बबई प्रांत से निकलने वाले समाचारपत्रो की ओर देखने पर ज्ञात होता है अधिकांश समाचारपत्र किसी जाति विशेष का हित साधने वाले है । अन्य जाती के कल्याण की उन्हें चिंता नही है इतना ही नही कभी-कभी वे अहितकारक प्रलाप करते दिखाई देते है ऐसे समाचारपत्रों को हम चेतावनी देते है कि किसी जाति की यदि अवनति हुई तो उसका कलंक दूसरी जातियों पर बिना लगे नही रहेगे , समाज एक नोका की तरह है 👇

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