उत्तर भारत का पेरियार ललई सिंह यादव

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*ઉત્તર ભારતના પેરિયાર લલઈ સિંહનો આજે સ્મૃતિદિન છે.*
આજે આપણે હિંદી પટ્ટામાં (ઉત્તર ભારતમાં) પેરિયાર ઈ. વી. રામાસામીને જાણીએ છીએ તેનો સઘળો શ્રેય લલઈ સિંહને જાય છે. તેમણે જ તેમના પબ્લિકેશનના માધ્યમથી સચ્ચી રામાયણ છાપી અને ઉત્તર ભારતમાં લોકપ્રિય કરી.
આ સચ્ચી રામાયણનું ગુજરાતી અનુવાદ શરૂઆત પબ્લિકેશન પરથી મળશે.

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Description

उत्तर भारत का पेरियार दलित और पिछड़ों का मसीहा ललई सिंह यादव👇

हिन्दू धर्म को लात मारकर बौद्ध धर्म मे प्रवेश 👇

हिन्दू धर्मो के धर्मग्रंथो में जब उन्होंने पेनी नजर मारी तो वह आडम्बर, अंधविश्वास, जातिवाद , भाग्य और भगवान पर टिके मिले तो उन्होंने मन मे हिन्दू धर्म को त्यागने का मन बना लिया । और हिन्दू धर्म में ऐसी लात मारी की हिन्दू धर्मावलम्बी तिलमिला गए ।

तमाम धर्मो में गोता लगाकर तमाम प्रकार का अध्ययन किया परन्तु उनकी शंकाओ का समाधान कभी भी नही हो सका

अब वह पूर्णत: साहित्य और समाज को समर्पित हो गए।

यह वह अवसर था जब सम्मपूर्ण भारत मे संविधान के निर्माता दलितों के मार्गदाता बाबासाहेब डॉ .भीमराव आंबेडकर जी के धार्मिक सामाजिक तथा राजनीतिक आंदोलन का कार्य बुलंदियों पर था ।

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Weight 199 g