आखिर दलित अस्पृश्य क्यों

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महाराष्ट्र के पेशवा राज्य में शूद्र उस मार्ग से नही जा सकते थे जिस मार्ग से सवर्ण जाते थे 👇

पूना में शूद्र को अपने गले मे मटकी बांधकर चलने का आदेश था ताकि उसी में थूकते चले अन्यथा सवर्ण अपवित्र हो जाएंगे । 👇

महाराष्ट्र एवं गुजरात के कुछ क्षेत्रों में सवर्णो ने दलितों को अच्छे कपड़े धोती आदि, सोने-चांदी के आभूषण पहनने एवं अच्छा भोजन करने आदि पर प्रतिबंध लगा रखा था । इसके स्थान पर फटे-पुराने कपड़े, लोहे के आभूषण , मोटे अनाज इनके लिए थे। ब्राह्मणों ने कहा कि यदि शूद्र पड़े-लिखेगे, अच्छा भोजन करेगे ,अच्छे कपड़े , सोने – चांदी के आभूषण पहनेंगे , धन संग्रह करेंगे एवं भूमि ग्रहण करेंगे तो इससे सवर्णो को कष्ट होगा और शूद्रों को पाप पड़ेगा । इससे स्पष्ट है कि सवर्णो को हमे भूखा, नंगा , अशिक्षित, असहाय , एक-एक पैसे एवं एक-एक रोटी के टुकड़े को मोहताज देखकर खुशी होती है और इनके दिलो को तराई मिलती है ।

આગળ સુ થાય છે તે જાણ કારી પુસ્તક માં છે👇

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