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( भाषण के दौरान बहुत शोर )
डॉ आंबेडकर ने स्थगन प्रस्ताव का विरोध किया , किन्तु अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव के लिए सहमति प्रदान की । डॉ आंबेडकर ने कहा , स्थगन प्रस्ताव मंजूर हुआ तो चर्चा स्थगित करने का निर्णय होगा और ऐसा ही हो रहा है।
हिन्दू कोड बिल पर डॉ आंबेडकर का भाषण लगभग दो घण्टे तक जारी रहा । यह भाषण तर्कपूर्ण ओर विधि के अध्ययन से परिपूर्ण था। उन्होंने अपने वाकचातुर्य से विरोधियो के सभी आरोप खंडित कर दिए। उनका शंका समाधान किया । विवाह विच्छेद ( तलाक ) विधवाओ की संपत्ति, बेटी का संपति पर अधिकार, मिताक्षरा और दायभाग कानून की अच्छाई और बुराई का तुलनात्मक अध्ययन कर अच्छाइयों को स्वीकार किया गया । भारतीय नारियों के हितो की रक्षा ही उनका उद्देश्य था , इसलिए सिलेक्ट कमिटी के अध्यक्ष होने के नाते डॉ आंबेडकर ने भावी हानियों की कल्पना कर उन्हें हटाने के लिए सही तर्क प्रस्तुत किए । उनके वक्तव्य एव कुशल वकील के बुद्धिविलास का उदाहरण है उन्होंने शास्त्रो ओर स्मृतियों के उदाहरण देकर यह भी सिद्ध कर दिया था कि उनका धर्मशास्त्रो के ग्रंथों का अध्ययन किसी भी धर्माचार्य से कम नही है ।
पाईट आफ ऑर्डर के प्रश्न पर उनके तर्क लोकसभा की कार्यप्रणाली से संबधित थे। पाईट आफ ऑर्डर कब और कैसे प्रस्तुत किये जाते है 👇
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Ramesh mahida –
My favourite
sharuaat bookstore –
My favourite અને બે જ સ્ટાર આપ્યા !? 😀